ISO 9001:2008 तहत प्रमाणित कम्पनी।
भारत में सर्वप्रथम फलदार तथा इमारती लकड़ी युक्त हाइब्रिड पौधा।
किसानों के सर्वांगीण विकास एवं भरोसे का प्रतीक।
समय-समय पर किसानों को उच्च तकनीकी सेवा प्रदान करके कृषि क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी।
भारत में किसानों को उच्च तकनीकी सेवा प्रदान करने वाले कृषि अधिकारियों का दल सेवा भाव से समर्पित है।
1 सिर्फ लगाते समय एक बार लागत की जरूरत।
2 कम कामगारों (मजदूरों) की आवश्यकता।
3 निराई, गुड़ाई इत्यादि कामों में समय की कोई पाबन्दी नहीं।
1 हर बार लागत की जरूरत नहीं पड़ती है।
2 अधिक कामगरों (मजदूरों) की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
3 समय पर कृषि कार्य करना बहुत जरूरी है।
4 निश्चित समय में ही बेचना तथा मनचाहा मुनाफा नहीं मिल पाता।
1 भारत सरकार भी बागवानी एवं वृक्षारोपण को बढ़ावा देने की रणनीति बना रही है।
2 बागवानी तथा लकड़ी वाले पौधों को सामान्य रूप में न लेकर एक बड़े स्तर से लगाकर व्यापारिक व्यवसाय होना चाहिए।
3 हमेशा उच्च गुणवत्ता युक्त उत्पादन देने वाले पौधों को कृष्ण बायो प्लान्टेक लिमिटेड किसानों तक उपलब्ध करा रही है।
Note
नींबू:- छोटा पेड़त्र अथवा झाड़ीदार पौधा है। इसकी शाखाएँ काँटेदार, पत्तियां छोटी, डंठल पतला तथा पत्तीदार होता है। फूल की कली छोटी और मामूली रंगीन या बिल्कुल सफेद होती है। सामान्यत: नींबू गोल या अंडाकार होता है। छिलका पतला होता है जो कि गूद्दे से चिपका रहता है। पकने पर यह पीले रंग का या हरापन लिये होता है। नींबू का उद्स्थान संभवतः भारत ही है। एक साल मैं दो वार फल देता है।
यह किस्में गुच्छे में फलती है। यह कागजी नींबू की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक उपज देती है। यह उच्च श्रमता वाली किस्म है व खेती के सर्वश्रेष्ठ है।
रामायण, महाभारत, वेद, पुराण, आदि धर्मो ग्रंथो में चंदन का उल्लेख है, चरक मुनि आदि संतो ने चंदन को औषधी के रूप में उल्लेख किया है । भारत का चंदन दुनिया भर में उत्तम कहा जाता है । भारत में उत्पादित होने वाले चंदन की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बड़ी माँग है | सामान्यतः चंदन की हार्डवुड का मूल्य 15000 से 22000 रुपए प्रति किलो होता है और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसका मूल्य 25000 रुपए तक है । हमारे देश में चंदन की चोरी करने वाले चोरो ने चंदन के जंगलो को काट के समाप्त कर दिया है, इस कारण भारत सरकार और राज्य सरकारों में चंदन पर से नियंत्रण हटा दिया है| कोई भी किसान चन्दन लगा व कटवा सकता है |
जापान में पाए जाने वाले दुनिया के सबसे मंहगे आम का नाम है ताइयो नो तमांगो, यह जापान के मियाजाकी में होता है, जबकि यह बिहार के पूनिया और मध्य प्रदेश के जबलपुर में भी पाया जाता है, आम आदमी इस आम को खरीदने का सपना भी नहीं देख सकता है, आइये जानते हैं इस खास आम के बारे में।
पपीता एक शीघ्र बढ़ने एवं फल देने वाला पौधा है। जिसके कारण भूमि से काफी कम मात्रा में पोषक तत्व का हास होता है। पपीता में पेड़ मे लगभग 5 से 6 महीने में फल आना शुरु हो जाता है। एक स्वस्थ पेड से औसतन 35-50 कि. ग्राम फल आसानी से प्राप्त हो जाते है। यह एक लोकप्रिय फल है। लोग इसको अपने घरों में भी लगाते है। भरपुर तत्वों से लैस इस फल को कुदरत ने हमें तोहफे के रुप में दिया है। इसकी खेती करने से किसान अपनी जमीन को उपजाऊ रखने के साथ-साथ भरपूर मुनाफा भी कमा सकते हैं। हमारी टीम आपको इसकी खेती की सलाह देती है।